I had written this patriotic poem when the unwanted intruders were trying to break the immortal silence & unity of the great Republic of India in the year 1999 by their wicked & purposely driven intrusion into Kargil & other hilly sectors of J&K region. Albeit, it's not the case & scenario today and our relationship with the neighboring country is a bit nectareous now and being friendly, it reminds me of those overt days when our bravo soldiers lost their lives in saving the integrity of our beloved country.
सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा!
हौसले हैं बुलंद हम हिंदुस्तानियों के, इक दिन सारा ब्रम्हांड हिला देंगे;
लहराएगा तिरंगा सूरज चांद पे, सारे जहाँ को हिन्दोस्तान बाना देंगे।।।
वीरों के इस वतन में, जहाँ हिमालय सुशोभित है;
क्या दम किन्ही गैरों का, जो तोड़ सकें इसकी अखंडता।
वीरांगनाओं की इस जन्म स्थली में, जहाँ माँ गंगा प्रवाहित है;
आ दम अगर तुझमें है, देख हमारी अनेकता में एकता।
हिंदु-मुस्लिम-सिख-इसाई, नाम दिया किसने इन सबका;
भारत माँ के सच्चे सपूत हैं जो, उनका है सिर्फ इंसानियत से नाता।
नरम दल के नेता बापू, सत्य-अहिंसा था जिनका बल;
सपना उनका अखंड भारत का, पुरा करेंगे हम- हैं राह में अटल।
बापू-आज़ाद और शहीदों की, शहादत को ना भुलायेंगे हम;
तन-मन से प्रण है भारत माता तेरी, सारे जहाँ में तिरंगा फहरायेंगे हम।
के अबके फहरा देंगे तिरंगा पाकिस्तान पे,
नाज़ करेगा हर हिन्दुस्तानी अपनी पहचान पे।
जय हिंद! वंदे मातरम!
आपका ही,
रेमिश गुप्ता
Note: it's not meant to hurt any body's sentiments and religious values.
सनातनी का संकट: विश्वास और राजनीति का टकराव
4 months ago
2 comments:
Kavita aapki bahut sundar hai par Pakistan ko HINDUSTAN kaise banayenge. Bhagwan kare apki manokamna jaldi puri ho.......
वंदेमातरम!!!
सलाम आपकी भावनाओं को पर पाकिस्तान पर झंडा फ़हराने से ही क्या भारत की समस्याओं का अंत हो जाएगा। क्या जरुरत इस बात की नही है कि हमें खुद अपनी समस्याएं दूर करनी होगी, अपने नागरिकों की विचारधारा में सुधार लाकर्। हो सकता है कि आप मुझसे सहमत ना हो।
शुभकामनाएं
Post a Comment