नव वर्ष सुखमय हो,
मंगलमय हो, यह शुभ-कामना हमारी है।
सफल हों जीवन के हर पहलु में आप,
यह हार्दिक मंगल-कामना हमारी है॥
न निराश हों कभी क्षणिकाओं से,
असफलताओं से, अनियमितताओं से।
न हों कभी परेशां, जीवन में बाधाओं से,
पर्वत रूपी आपदाओं से, विपदाओं से॥
मंजिल हो आपकी ज़मीं पर आशियाँ
और फलक पर सितारों के बीच।
नव अवसर हो हर सुप्रभात के साथ,
मंजिल तक बेअटक आपका सफर हो॥
ख्वाबों के काफिले को सहेजकर इस ज़मीं पर,
फिर इक नया अविष्कार करना है आपको।
गर्व हो इस ज़मीं को भी आप पर,
फिर कुछ ऐसा कर गुजरना है आपको।।।
नव वर्ष कि इन्हीं हार्दिक शुभ एवं मंगल कामनाओं के साथ,
आपका ही,
रेमिश गुप्ता
सनातनी का संकट: विश्वास और राजनीति का टकराव
4 months ago
3 comments:
एवमस्तु या कहूं कि आमीन या कहें ऐसा ही हो!!
शुक्रिया आपकी शुभकामनाओं के लिए!!
नया साल आपके लिए पहले से बेहतर बदलाव लाए!
नव वर्ष की शुभकामनाएं आपको भी।
the depth of the thought amazed me.
probably this side of remmish was not known to me.
A beautifully written poem. Hats off to Remmish :)
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